ISRO द्वारा विकसित नौवहन (Navigation) तकनीक
🔹 गगन (GAGAN – GPS Aided Geo Augmented Navigation)
- नागरिक उड्डयन की नेविगेशन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इसका विकास ISRO और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
- RRB NTPC 15-02-2021 (Shift 2nd) में पूछा गया प्रश्न
🔹 इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) या नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NAVIC)
- यह भारत की अपनी क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली है।
- यह भारत एवं भारत के चारों ओर लगभग 1500 किमी. तक के क्षेत्र को नेविगेशन सूचना देने में सक्षम है।
- इस प्रणाली में कुल 7 उपग्रह शामिल हैं, जिनमें से 4 उपग्रहों को भू-तुल्यकालिक कक्षा में तथा 3 उपग्रहों को भू-स्थितिक कक्षा में स्थापित किया गया है।
- RRB NTPC 23-07-2021 (Shift 1st) में पूछा गया प्रश्न
इस प्रणाली के माध्यम से दो प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती हैं:
- मानक स्थिति सेवा (Standard Positioning Service – SPS): नागरिक उपयोगकर्ताओं के लिए।
- प्रतिबंधित सेवा (Restricted Service): रणनीतिक उपयोगकर्ताओं के लिए।
🌍 विभिन्न देशों के नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम
| नेविगेशन प्रणाली | देश |
|---|---|
| जीपीएस (GPS) | यू.एस.ए. |
| ग्लोनास (GLONASS) | रूस |
| गैलीलियो (Galileo) | यूरोपीय संघ |
| बिडौ (BeiDou) | चीन |
| QZSS | जापान |
| नाविक (NAVIC) | भारत |
🚀 साउंडिंग रॉकेट (Sounding Rockets)
- ये एक या दो चरण वाले ठोस ईंधन युक्त रॉकेट होते हैं।
- इनका उपयोग वायुमंडलीय क्षेत्रों के अध्ययन और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए किया जाता है।
- वर्ष 1963 में केरल के तिरुवनंतपुरम में भारत के पहले साउंडिंग रॉकेट ‘नाइक अपाचे’ (अमेरिका द्वारा निर्मित) का प्रक्षेपण किया गया था।