1. मान लीजिए कि समुच्चय {1, 2, 3, 4} में R = {(1, 2), (2, 2), (1, 1), (4, 4), (1, 3), (3, 3), (3, 2)} द्वारा परिभाषित संबंध है। निम्नलिखित में से सही उतर चुनिए।
(1) R स्वतुल्य तथा सममित है किंतु संक्रामक नहीं है।
(2) R स्वतुल्य तथा संक्रामक है किंतु सममित नहीं है।
(3) R सममित तथा संक्रामक है किंतु स्वतुल्य नहीं है।
(4) R एक तुल्यता संबंध है।
Ans 2
2. समुच्चय {1, 2, 3} में R = {(1, 1) (2, 2) (3, 3) (1, 2) (2, 3)} द्वारा प्रदत संबंध है?
(1) स्वतुल्य (2) सममित (3) संक्रामक (4) तुल्यता
Ans 1
3. R से R में परिभाषित निम्न में से कौनसा फलन एकैकी है-
(1) F(X) = |x|
(2) F(x) = cos x
(3) F(x) = ex
(4) F(x)=x2
Ans 3
4. समुच्चय A= {1,2,3,4} से स्वयं तक सभी एकैकी फलन की संख्या होगी-
(1) 3
(2)4
(3)8
(4) 6
Ans 1
5. यदि R={(x, y) : x, y∊ z, x2+y24} एक संबंध है तब R का प्रान्त होगा –
(1) {0,1}
(2) {-2, -1, 0, 1, 2}
(3) {2,-2}
(4) {0, 1,2}
Ans 4
6. यदि A={1,2,3} हो तो अवयव (1,2) वाले तुल्यता संबंधों की संख्या है-
(1)1
(2) 2
(3)3
(4) 4
Ans 2
7. मान लीजिए कि f :R->R, f (x)=x4 द्वारा परिभाषित है। सही उतर का चयन कीजिए।
(1) f एकैकी आच्छादक है (2) f बहुएक आच्छादक है
(3) f एकैकी है किंतु आच्छादक नहीं है
(4) f न तो एकैकी है और न आच्छादक है
Ans 4
सिद्ध कीजिए कि वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में R=(a,b):a⦤b2}, द्वारा परिभाषित संबंध R, न तो स्वतुल्य है, न सममित है और न ही संक्रमक है।
Ans : दिया है, A=R= वास्तविक संख्याओं का समुच्चय तथा R={(a,b):a⦤b2}
स्वतुल्य संबंध के लिए, हम जानते है कि
सत्य नहीं है।
⇒
अतः R, स्वतुल्य संबंध नहीं है।
सममित संबंध के लिए, हम जानते हैं कि ![]()
लेकिन ![]()
अतः R सममित संबंध नहीं है।
संक्रमक संबंध के लिए, हम जानते है कि
तथा (-3) < (1)2
लेकिन 2<12 :(2,1)
R अतः R एक संक्रमक संबंध नहीं है।
Question: f (x) = 4x+3 द्वारा प्रदत फलन f : R → R पर विचार कीजिए। सिद्ध कीजिए कि f व्युत्क्रमणीय है। f का प्रतिलो फलन ज्ञात कीजिए।
Ans. फलन f :R→R में, f (x)=4x+3,
द्वारा परिभाषित फलन है।
मान लीजिए x,y
R इस प्रकार है कि f (x)= f(y)
⇒4x+3=4y+3
⇒x=y
∴ f एकैकी फलन है।
मान लीजिए प्रत्येक वास्तविक संख्या y ∈R के लिए R में, x ∈ R इस प्रकार विद्यमान है कि
f(x)=y⇒4x+3=y⇒![]()
प्रत्येक y∈R के लिए
इस प्रकार है कि
![]()
∴ f आच्छादक फलन है। अतः f एकैकी आच्छादक फलन है।
अतः ∴ f-1 विद्यमान है। मान लीजिए g:R→R में,
द्वारा परिभाषित है।