D एवं f ब्लॉक के तत्व

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

प्र 1 निम्नलिखित में कौन सी संक्रमण धात् अधिकतम ऑक्सिकरण अवस्था दर्शाती है ?

(a) Fe (b). Mn (c) V. (d). Cr

Ans

प्र 2 किसी संकमण तत्व X का +3 ऑक्सिकरण अवस्था में विन्यास 3d4 है तो X का परमाणु सख्या है।

(a) 25 (b) 26 (c) 22 (d)19

Ans

प्र 3 सोना धात् [Au] का ऑक्सकरण संख्या होता है ?

(a) +1 (b) 0 (c) -1 (d) इनमें से सभी

प्र 4 निम्न में d- ब्लॉक तत्व हैं।

(a) Gd (b) Zr (c ) Cs (d) Es

प्र 5 संक्रमण तत्वों द्वारा अधिकतम ऑक्सिकरण अवस्था प्रदर्शितत हो सकते हैं ?

(a) +7 (b)+8 (c) +6 (d)+5

प्र 6 निम्न में से कौन से तत्व उभयधर्मी ऑक्साइड बनाता हैं ?

(a) Fe (b) Cu (c). Zn (d). Ca

प्र 7 मर्करी पारा किस् कारण से कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में मिलने वाली अकेली धात्

(a)अपनी बहुत उच्च आयनन एन्थैल्पी व दुर्बल धात्विक बंध

(b). अपनी कम आयनन एन्थैल्पी

(c). अपने उच्च परमाणु भार

(d). अपने उच्च वाष्प दाब

प्र 8 निम्न में कौन एक प्रथम संक्रमण श्रेणी का तत्व नहीं है ?

(a) लोहा (b) कोमियम (c) मैग्निशियम (d) निकेल

प्र 9 d- कक्षकों के तीन अयुग्मित इलेक्ट्रॉन रखने वाला समूह है ?

(a) Ti+3, Cu+2 (b) Cr+3, Co+2 (c) Mn+2, Fe+3 (d) Ni+2, Cu+2

प्र 10 संक्रमण धातुएं प्रायः अनुचुम्बकीय होती हैं ?

(a) उच्च द्रवणांक तथा क्वथनांक के कारण

(b) रिक्त d- ऑर्बिटलों की उपस्थिति के कारण

(c) अयुग्मित इलेक्टॉन की उपस्थिति के कारण

(d) आघातवर्धनीयता तथा तन्यता के कारण।

प्र 11 3d संक्रमण श्रेणी में किस परमाणु संख्या वाले तत्व होते हैं ?

(a). 22 से 30 (b) 21 से 30 (c) 21 से 31 (d) 21 से 29

प्र 12 निम्नलिखित में किस संकृमण तत्व की परमाणु त्रिज्या सबसे कम होगी ?

(a) Sc (b) Ni (c) Cu (d) Zn

प्र 13 संक्रमण तत्वों का सामान्य इलेक्टॉनिक विन्यास है –

(a). (n- 1)d1-10ns1-2 (b) (n-1) d5 n s2

(c) (n 1) d1-5n s0 (d). इनमें से कोई नहीं

प्र 14 निम्निलिखित युग्मों में से कौन सा युग्म रंगहीन तथा प्रतिचुम्बकीय होगा ?

(a). SC+3 Ti+4 (b). Ti,+4 VS

(c).Cu+1, Zn+2 (d) इनमें से सभी

प्र 15 निम्नलिखित में से किस तत्व में 4f उर्जा स्तर कमिक रूप से भरता है ?

(a) लैन्धेनाइड (b) एक्टिनाइड (c) संक्रमण धातु (d) मुद्रा धातु

प्र 16 परायुरेनियम तत्व निम्न में से कौन-सा है ?

(a) Pr (b) Pu (c) Pm (d) P

प्र 17 ऐक्टिनाइड श्रेणी में अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था दर्शने वाला तत्व होता है –

(a) Am (b) Cm (c) Bk (d) Cf

प्र 18 ऐक्टिनाइड तत्वों की अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था होती है ?

(a) +3 (b) +4 (c) +5 (a) + 6

प्र 19 लैन्थेनाइडों की सामान्य ऑक्सीकरणा अवस्था होती है –

(a) +1 (b) +2 (c) +5 (d) + 4

प्र 20 निम्नलिखित युग्मों में सक्रमण तत्व्व हैं ?

(a) Na और Ca (b) Mg और Al (c) S और P (d) Cu और Fe

उत्तरमाला

1 (ब), 2 (अ) 3 (अ) , 4(ब). 5 (अ) 6 (स), 7 (अ). 8 (स), 9 (ब), 10 (स) 11 (ब), 13 (अ) 14 (द), 15 (अ), 16 (ब), 17 (अ) 18 (द), 19 (स), 20 ( द)

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्र 2 Zn, Cd,Hg तेत्वों को संक्रमण तत्व नहीं माना जाता है। क्यों ?

उत्तर उपरोक्त तीनों तत्वों में d10s2 विन्यास होता है तथा इनकी +2 ऑक्सीकरण अवस्था में d10S2 विन्यास होता है। इस प्रकार पूर्ण भरे d कक्षकों के कारण इन्हें संकरमण तत्व नहीं माना जाता, यद्यपि ये d ब्लॉक के तत्व्व हैं।

प्र 2 लैंथेनाइडउ संकुचन की तुलना में एक तत्व से दूसरे तत्व के मध्य एक्टिनाइड संकुचन अधिक होता है। कारण दीजिए।

उतत्तर लैंथेनाइड संकूचन में 4f उपकोश उपस्थित होता है, जबकि एक्टिनाइड संकुचन में 5f उपकोश उपस्थित होता है। 5f इलेक्ट्रॉन में 4f इलेक्ट्रॉन की तुलना में परिरक्षण प्रभाव बहुत कम होता है। अतः एक्टिनाइड संकुचन लैंथेनाइड संकुचन से अधिक होता है।

प्र 3 संकमण तत्वों की कणन एन्थैल्पी उच्च होती है।

उत्तर संक्रमण तत्चों के परमाणुओं में बड़ी संख्या में अयु्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते है, अतः इनमें प्रबल अन्तराणविक अन्योन्य अभिकिया होती है। परमाणुओं क्रे मध्य प्रबल आबन्धन के फलस्वरूप इनकी कणन एन्थैल्पी उच्च होती है।

प्र 4 संक्रमण धातु एवं इनके यौगिक उत्तम उत्रेरक होते हैं ?

उत्तर (a) इन तत्वों के पास रिक्त d- कक्षक उपस्थित होते हैं।

(b) ये तत्व परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित क्रते) हैं।

उपरोक्त दोनों कारणों से संक्रमण तत्व क्ियाकारक अणुओं के साथ रिक्त d- कक्षकों को उपयोग में लेकर आसानी से मध्य्यवर्ती अस्थाई यौगिक बनाते हैं जो आगे उत्पादों में टूटकर पुनः मुक्त होकर अपनी पूर्व अवेस्था में आ जाते हैं। इस प्रकार ये उत्प्रेरक का कार्य करते हैं।

प्र 5 Ti+4 आयन रंगहीन होता है। समझाइये।

उत्तर – Ti = [Ar]3d24s2

Ti+4=[Ar]3d04s0

अतः Ti+4 आयन नोबल गैस विन्यास रखता है। पूर्ण भरे कक्षकों के अत्यधिक स्थायित्व के कारण यह दृश्य प्रकाश को अवशोषित नहीं कर पाता है और रंगहीन होता है। इसकी तुलना में Ti+3 आयन में 3d14s0 विन्यास होने के कारण एक अयुम्मित इलेक्ट्रॉन होता है, अतः Ti+3 आयन रंगीन होता है।

प्र 6 सिल्वर परमाणु की मूल अवस्था में पूर्ण भरे d- कक्षक (4d10) है फिर भी यह एक संकरमण तत्व है। कैसे ?

उत्तर – सिल्वर का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 39Ag =[Ar] 4d105s1 है। सिल्वर अपने यौगिकों में +1[AgCI, Ag2s] एवं +2[AgF2 & AgO) ऑक्सिकरण अवस्था प्रदर्शित करता है। +2 ऑक्सीकरण अवस्था में 4d95s0 विन्यास होने के कारण इसमें अपूर्व d -कक्षक उपस्थित रहता है। इसलिये Ag एक संक्रमण धातु है।

प्र 7 एक्टिनॉइड आंकुचन को समझाइये।

उत्तर – 5f अतः संक्रमण श्रेणी में बांये से दांये (Ac से Lr) चलने पर आकार में कमी होना, विशेष रूप से An* आयनों के आकार में कमी होना एक्टिनॉयड़ संकुचन कहलाता है।

5f कक्षकों का परिरक्षण प्रभाव बहुत कम होता है, जो कि नाभिकीय आवेश बढ़ने के कारण उत्पन्न आकर्षण बल की संतुलित नहीं कर पाता है। फलस्वरूप आकार में निरन्तर कमी होती है।

प्र 8 अन्तरकाशी यौगिक क्या है ? उदाहरण दीजिये।

उत्तर – संकमण धातुओं के किस्टल में परमाणुओं के निकटतम रूप से व्यवस्थित होने के बाद भी इनके मध्य छोटे-छोटे रिक्तत स्थान शेष बचे रहते हैं। इन्हें अन्तराकाश करते हैं। इन स्थानों पर छोटे-छोटे परमाणु H, B, C, N आदि प्रवेश करके जिन यौगिकों को बनाते है। उन्हें अन्तराकाशी यौगिक कहते हैं।

उदाहरण Tic, Mn4N आदि ।

प्र 9 M+2 आयन (Z=29) यह कॉपर का आयन Cu+2 है। इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास Cu+2 =IAr)3d9 4s0 होगा।

यहां अयुग्मित इलेक्ट्रॉन n= 1 है।

चुम्बकीय आघूर्ण

प्र 10 लेंथेनॉइड संकुचन क्या है ?

उत्तर – लेंथेनॉइड तत्वों में आने वाला अंतिम इलेक्ट्रॉन 4f उपकोश में जाता है जिसका परिरक्षण प्रभाव 5d इलेक्ट्रॉन की तुलना में बहुत ही कम होता है। लेकिन प्रभावी नाभिकीय आवेश में (32) की वृद्धि होने के कारण ब्राह्यतम 6s इलेक्ट्रॉलों पर अत्यधिक नाभिकीय आकर्षण बल लगता है और ये अन्दर की और खिंचने लगते हैं। इस कारण उत्तरोत्तर आकार में कमी आती है, इसे लैंथेनॉइड संकुचन कहते हैं ।

प्र 11 जलयोजित Zn+2 आयन रंगहीन होता है, क्यों ?

उत्तर – जलयोजित Zn+2 आयन का विन्यास होमा Zn=[Ar] 3d10 4s0 इस विन्यास में Zn+2 के पास कोई भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं है । पूर्ण भरे कक्षकों के स्थायित्व के कारण यह दृश्य प्रकाश को अवशोषित नहीं कर पता और रंगहीन होता है।

प्र 12 मिश धातु में प्रयुक्त अधिकतम संगठन वाली दो धातुओं के नाम लिखिए।

उत्तर – लेंथेनाइड तत्वों के संयोग से बनी सिश्र धातु को मिश धातु कहते हैं। इसमें लैंथेनाइड श्रेणी का कोई तत्व एवं आयरन होता है जैसे – 40% सीरियम + 44% लैंथेनम एवं नियोडायमियम + 5% आयरन एवं सूक्ष्म मात्रा में S, C, Si, Ca एवं Al होते है।

प्र 13 प्रथम संकृमण श्रेणी के धातु आयनों के रंग एवं जटिल (संकुल) यौगिक बनाने की प्रवृति के कारण को समझाइये।

उत्तर – रंगीने आयन-किस्टल फिल्ड सिद्धान्त के अन्सार जब निम्न उर्जा वाले d- कक्षक (t2g) से इलेक्ट्रॉन का उत्तेजन उच्च उर्जा वाले d-कक्षक eg में होता है, तो उत्तेजन उर्जा का मान दृश्य क्षेत्र में अवशोषित प्रकाश की आवृति के संगत होता है तथा प्रेषित रंग अवशोषित प्रकाश का पूरक रंग होता है। यह लिगेण्ड की प्रवृति पर निर्भर करता है। जलीय विलयन में जल के अणु लिगेण्ड का कार्य करते हैं एवं रंगीन आयन बनाते हैं।

जटिल या संकुल यौगिक संक्रमण धातु आयनों के छोटे आकार, उच्च आयनिक आवेश एवं बंध बनाने के लिए d-कक्षकों की उपलब्धता के कारण ये धातु आयन निश्चित संख्या में ऋणायन या उदासीन अणु से जुड़कर संकुल स्पीशीज बनाते हैं, जिसके विशिष्ट गुण होते हैं।

उदाहरण [Fe(CN)6]+3, [Fe(CN)6]-4, [Cu(NH3)J+2 [PtCl4]-2 आदि।

प्र 14 पदार्थ के चुम्बकीय गुर्णों पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है।

उत्तर – पदार्थ के प्रतिचुम्बकीय गुण पर ताप का कोई प्रभाव नहीं पड़ता परन्तु अनुचुम्बकीय गुण ताप के व्युत्कृमानुपाती होता है।

यदि लौह चुम्बकीय पदार्थ का ताप बढ़ा द्रियाय जाए तो उनका चुम्बकत्व नष्ट हो जाता है, क्योंकि उनमें कणों की व्यूवस्था बदल जाती है।

प्र 15 कारण बताते हुए निम्न आयनों को उनकी आयनिक व्रिज्या के घटते क्रम में व्यवस्थित

कीजिये। Mn+7, Mn+5, Mn+2 , Mn+6 ,Mn+4

उत्तर – आयनिक त्रिज्या का मान तत्व की ऑक्सीकरण अवस्था के व्युत्कमानुपाती होता है।

इंसलिये जैसे- जैसे ऑक्सिकरण अवस्था बढ़ती है आयनिक त्रिज्या कम होगी।

Mn+2> Mn+4> Mn+5> Mn+6 > Mn+7

प्र 16 संक्रमण तत्व्व प्रबल धात्विक बंध बनाते हैं। क्यों ?

उत्तर – संक्रमण तत्वों में प्रभावी नाभिकीय आविश की अधिकता एवं अयुग्मित d-इलेक्ट्रॉनों की उपलब्धता के कारण संक्रमण तत्व प्रबल धात्विक बन्ध बनाते हैं। इसी कारण ये कठोर तथा उच्च गलनांक, उच्च क्वथनांक वाले होते हैं। जैसे-जैसे अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ती जाती है, धात्विक बंध की सामथ्य भी बढ़ती जाती है इसलिये Sc से Cr तक कठोरता बढ़ती है फिर Zn तक कम होती है।

प्र 17 संकमण तत्व्व परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं। क्यों ?

उत्तर संक्रमण तत्वों में ns एवं (n-1) d कक्षकों की उजा लगभग समान होती है। ns एव (n-1) d कक्षकों के इलेक्ट्रॉन बन्ध बनाने में भाग लेते हैं । अतः ये तत्व विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएं प्रदर्शित करते हैं किसी तत्व की उच्चतम ऑँक्सीकरण अवस्था कक्षकों के कुल +(n- 1) d कक्षकों के कुल इलेक्ट्रॉनों के योग के बराबर होती है। इस संक्रमण श्रेणी में बांयें से दांये जाने पर औऑक्सीकरण अवस्था पहले बढ़ती है फिर घटती जाती है।

प्र 18 पदार्थ के चुम्बकीय गुणों पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है ?

उत्तर पदार्थ के प्रतिचुम्बकीय गुण पर ताप का कोई प्रभाव नहीं पड़ता परन्तु अनुचुम्बकीय गुण ताप के व्युत्कमानुपाती होता है।

यदि लौह चुम्बकीय पदार्थ का ताप बढ़ा दिया जाए तो चुम्बकत्व नष्ट हो जाता है, क्योंकि उनमें कणों की ्यवस्था बदल ज़ाती है।

प्र 19 लैंथेनाइड तत्व्वों में 3 ऑक्सीकरण अवस्था अधिकस्थायी होती है, समझाइये।

उत्तर – लैंथेनाइड तत्वों में प्रथम तीन आयनन उर्जाओं के मान का योग बहुत कम होता है। अतः ये तत्व आयत्तित होते है और +3 ऑक्सीकरण अवस्था इनकी स्थायी ऑक्सीकरण अवस्था होती है।

प्र 20 लैंथेनाइड और एक्टिनाइड तत्वों में अंतर स्पष्ट कीजिये।

लैंथेनाइड

एक्टिनाइड

1. सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था +3 एवं के अलावा कुछ तत्व +2 व +4 अवस्था भी प्रदर्शित करते हैं।

1. सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था +3 के अलावा कुछ तत्व +2, +4, +5, +6 अवस्था भी प्रदर्शित करते है।

2. संकुल यौगिक बनाने के बहुत कम प्रवृति पायी जाती है ।

2. संकुल यौगिक बनाने की बहुत अधिक प्रवृति पाई जाती है।

3. केवल प्रोमिथियम रेडियोएक्टिव तत्व है

3. सभी तत्व रेडियोएक्टिव हैं।

4. इनके चुम्बकीय गुण आसानी से समझाए जा सकते हैं।

4. इनके चुम्बकीय गुणों को समझाना कठिन है।

5. ये ऑक्सो धनायन नहीं बनाते हैं ।

5. ये ऑक्सो धनायन जैसे- Uo+,Uo2+, Puo2+ बनाते हैं।

6. इनके ऑक्साइड एवं हाइड्रोक्साइड कम क्षारीय होते हैं।

6. इनके ऑक्साइड एवं होइड्रोक्साइड अधिक क्षारीय होते हैं

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